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जीवन के स्तर- (2)
जीवन का दूसरा स्तर मानसिक है। मन का कार्यक्षेत्र है इन्द्रियों द्वारा गृहीत विषयों का विश्लेषण, निर्धारण, कल्पना, योजना, चिन्तन, मन आदि। यह स्तर विकास की आधारभूमि है।
पशु-पक्षी जगत में कुछ जीव केवल इन्द्रिय सम्पन्न होते हैं और कुछ जीव मन से सम्पन्न भी होते हैं।
०७ जनवरी २०००
भीतर की ओर
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