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जीवन के स्तर-[१] जीवन अनेक स्तरों पर जीया जाता है। इनमें पहला स्तर शारीरिक है। उस स्तर पर जीवन की अभिव्यक्ति इन्द्रियों के माध्यम से होती है। बाव जगत से सम्पर्क स्थापित करने का माध्यम है इन्द्रियां। इनमें दो इन्द्रियां प्रमुख हैं चक्षु और भोन । रूप और शब्द बाह्य जगत के प्रमुख अज हैं। चक्षु और ओन के द्वारा उनसे हमारा सम्पर्क स्थापित होता है। व्यक्ति अपनी वैयक्तिकता में रहता है, फिर शब्द और रूप के माध्यम से सामुदायिकता से जुड़ जाता है।
०६ जनवरी २०००
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