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फ्र फ्राफ्र
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मेदधातु प्रेक्षा
मेद अनुपाततः कम हो या अधिक हो-ये दोनों स्थितियां स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल हैं। कृशकाय व्यक्ति में शक्ति की कमी होती है तो मोटापा व्यक्ति को रुग्ण बना देता है । स्वास्थ्य केन्द्र पर ध्यान करने से मेद का संतुलन होता है। मेदधातु का संतुलन बनाने के लिए 'ब' और 'ल'- - इन दो वर्णों का जप किया जाता है।
०३ जून २०००
भीतर की ओर
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