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तळ
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अस्थिधातु प्रेक्षा अस्थि शरीर का मूल आधार है। अस्थिसंस्थान जितना सुदृढ़ और स्वस्थ होता है, शरीर उतना ही स्वस्थ रहता है।
अस्थि संस्थान की स्वस्थता के लिए शक्ति केन्द्र पर ध्यान किया जाता है। यह केन्द्र पृथ्वी तत्व का है और अस्थि-संस्थान का संबंध पृथ्वी तत्त्व से है। इसे शक्तिशाली बनाने के लिए 'व' और 'स'---इन दो वर्णों का जप किया जाता है।
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०४ जून २०००
०४ जून
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(भीतर की ओर
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