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फ्र ਰਚਨ
चैतन्य केन्द्र और ग्रन्थितन्त्र - (2)
चैतन्य केन्द्र के अध्ययन के साथ ग्रंथितन्त्र का अध्ययन करने पर अनेक नए रहस्य प्रकट होते हैं । यह सहज ही स्वीकार करना चाहिए कि वर्तमान शरीर-शास्त्रियों ने ग्रन्थियों, उनके स्रावों और उनके प्रभावों का जितना तलस्पर्शी अध्ययन किया है, उतना विशद अध्ययन चैतन्य केन्द्रों अथवा चक्रों के बारे में उपलब्ध नहीं है। योग का शरीरशास्त्र, आयुर्वेद तथा आयुर्विज्ञान - इन तीनों विधाओं में मर्मस्थानों के विषय में जो निरूपण है उसका तुलनात्मक अध्ययन नई दिशा करनेवाला हो सकता है।
का उद्घाटन
२२ अप्रैल
२०००
भीतर की ओर
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