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८.
कर्म जड़ हैं, फिर भी वे जीव को यथोचित फल कैसे दे सकते हैं? समाधान दीजिये ।
जीव की पहचान के व्यावहारिक लक्षण कौन-कौन से हैं? लिखिये । ८
१५७
अथवा
पद्म लेश्या की परिभाषा बताते हुये उसके परिणमों का भी उल्लेख कीजिये ।
६. अस्तेयाणुव्रत को समझाते हुये उसका राष्ट्रीय एवं सामाजिक महत्त्व भी
बताइये ।
१०
या
'पुण्य की उत्पत्ति स्वतंत्र नहीं हो सकती, वह धर्म क्रिया (निर्जरा) के साथ ही होती है' इसे स्पष्ट कीजिये ।
१०. अन्तराल गति को विस्तार पूर्वक समझाइये |
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