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________________ ५६ तमसो मा ज्योतिर्गमय आध्यात्मिक विचारधारा रखने वाले कभी दुःखी नहीं होते । प्रतिकूल एवं विषम परिस्थितियाँ उन्हें दीन-हीन, व्याकुल एवं अशान्त नहीं बना पातीं। उनका आत्मविश्वास बढ़ता जाता है। वे अधिकाधिक परिश्रमी, दूसरों के प्रति उदार, सहिष्णु एवं आत्मीयता की भावना से ओतप्रोत बन जाते हैं। ऐसे आत्मा और परमात्मा के प्रति दृढ़विश्वासी व्यक्ति जीवन की कठिन परीक्षा में उत्तीर्ण होकर एक दिन अवश्य ही वास्तविक सुखशान्ति के अधिकारी बनते हैं। वह आवश्यकताओं को कटौती करता है ऐसा आस्तिक व्यक्ति अपने उपादान (आत्मा) को शुद्ध करने का प्रयत्न करता है। वह स्वेच्छा से अपनी आवश्यकताएँ घटाता है, आवश्यकताओं की छंटनी करके उनमें से अनिवार्य आवश्यकताओं का-इच्छाओं का परिमाण करता है । वह मन में यह निश्चित धारणा बना लेता है कि आनन्द, सुख, सन्तोष या सम्पन्नता धन-सम्पत्ति एवं बाह्य साधनों में नहीं हैं । ये सब--मनुष्य की आत्मा में निवास करने वाले आस्तिकभाव-देवीभाव में है। यदि सूख आदि का निवास बाह्य साधनों में होता तो संसार का प्रत्येक धनवान, साधन सम्पन्न एवं भौतिक सम्पदा में आसक्त व्यक्ति सन्तुष्ट, सुखी और प्रसन्न होता, परन्तु ऐसा होता नहीं । आवश्यकता बढ़ाने से अशान्ति बढ़ेगी __ अविद्यावान् नास्तिक लोग अपनी आवश्यकताएं बढ़ा लेते हैं, अथवा दूसरों की देखादेखी आवश्यकताएँ बढ़ाने का विचार करते रहते हैं । घर में पर्याप्त वस्त्र होते हुए भी वे कपड़े की दुकान में प्रवेश करके विभिन्न किस्म के कपड़े देख कर मन में जलते रहते हैं-'आह ! ऐसा कपड़ा मेरे पास नहीं है । काश ! मैं इसे खरीद सकता !' ऐसा करके कभी तो वे कर्ज लेकर ऐसी अनावश्यक वस्तुओं को खरीदते रहते हैं, अथवा मन ही मन अशान्ति का अनुभव करते रहते हैं। मानसिक शान्ति और भौतिक वस्तुओं की लालसा एक दूसरे के कट्टर विरोधी हैं । निष्कर्ष यह है कि मानसिक शान्ति के लिए देखादेखी से, अनावश्यक वस्तुओं को खरीदने का विचार करने से, भौतिक वस्तुओं की लालसा से अथवा लोभ से प्रेरित होकर प्रतिस्पर्धा करने से दूर रहना चाहिए। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003091
Book TitleTamso ma Jyotirgamayo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1991
Total Pages246
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Discourse
File Size11 MB
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