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वचन-वीथी
१ उस आदमी को फरिश्ता ही जानिये जिसकी नजरों में कोई
इंसान बुरा नहीं। ३ हर पल जो नवीन दिखायी दे, वही सुन्दरता का उत्कृष्ट
नमूना है। २ दिमाग के द्वार बन्द मत करो, न जाने किस समय में क्या
अनोखा तत्त्व समझ में आ जाएगा। ४ बुरी बातों को भूल जाना ही बेहतर है, वरना अच्छे विचार
मन में प्रवेश करना ही बंद कर देंगे। ५ बड़प्पन सूटबूट और ठाटबाट से नहीं होता है, जिसका मन
निश्छल है, वही बड़ा है। ६ व्यस्त रहो किन्तु अस्त-व्यस्त न रहो। ७ हमेशा झूठ बोलने वाले द्वारा कही गई सच्ची बात भी झूठ
ही लगती है। ८ एक पाप दूसरे पाप के लिए दरवाजा खोल देता है। ६ मन में जितनी पवित्रता होती है, उतना ही वह हल्का होता
१० पापों में लिप्त होने की अपेक्षा दुःखों में फंसा रहना अच्छा है। ११ तुच्छ बात के लिए बड़ी आय को मत छोड़ो। १२ आदमी आराम के साधन जुटाने में आराम खो देता है । १३ धनी जहां पैसे के सहारे जीता है, निर्धन परिश्रम और प्रभु
के सहारे जीता है। १४ मौत तो वैसे भी आती है, फिर उसके लिए अस्त्र-शस्त्र का
अंबार क्यों?
वचन-वीथी
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