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इनके भी बयां जुदा-जुदा
१ प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइन्स्टीन कहते हैं- "मैंने सब कुछ जाना किन्तु जो जानने वाला है, उसे नहीं जाना। यदि इस प्रकार का जीवन वापस मिला तो मैं सर्वप्रथम उसे जानने की कोशिश करूंगा, जो शेष रह गया है।" २ सुकरात कहते हैं—“प्रकृतित: मैं कुख्यात हत्यारा ही हो
सकता था, पर मैंने प्रयत्नपूर्वक अपने को बदलने में सफलता प्राप्त की है।" ३ विलियम जेम्स----"अच्छा जीवन जीने के लिए अच्छी आदतों
का बनाना जरूरी है। और अच्छी आदतों के निर्माण के लिए अभ्यास जरूरी है।" ४ बर्टेड रसेल-"मरते वक्त मैं यह तय नहीं कर पाऊंगा कि
जो हुआ, वह सचमुच में हुआ था कि मैंने एक सपना देखा। ५ खलील जिब्रान-- "मुझे यह एक नवीन बात जान पड़ी है कि
सुख पाने की इच्छा का ही अर्थ दुःख है।" ६ जान वेजली-“मैं पैसा पास आते ही उससे तत्काल छटकारा पाने की कोशिश करता हूं कि कहीं वह मेरे दिल में घर न
कर ले।" ७ आचार्य भिक्षु-"ज्योतिहीन जीवन भी श्रेय नहीं है और ज्योतिहीन मृत्यु भी श्रेय नहीं है। ज्योतिर्मय जीवन भी श्रेय
है और ज्योतिर्मय मृत्यु भी श्रेय है। ८ आचार्य तुलसी-"चिन्ता नहीं, चिन्तन करो। व्यथा नहीं,
व्यवस्था करो। प्रशस्ति नहीं, प्रस्तुति करो।" ६ हजरत मुहम्मद-"जब आदमी व्यभिचार करता है, ईमान
उसे छोड़कर चला जाता है।
इनके भी बयां जुदा-जुदा
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