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________________ ११ तनाव-मुक्ति के उपाय हैं--प्राणायाम, योगासन, जीवन मूल्यों का परिवर्तन। १२ तनाव का कारण पदार्थवादी वृत्ति है। १३ दुनियां की यह प्रकृति है कि जो चाहता है वह नहीं होता और जो नहीं चाहता वह हो जाता है । यह चाहने और होने __ में जो अन्तर है, दोनों के बीच जो दूरी है वही वास्तव में तनाव पैदा करता है। १४ आवेश की स्थिति में अपने आपको संभालना बहुत मुश्किल १५ दुःख का अपने आपमें कोई अस्तित्व नहीं है। सत्य से तुम्हारी जितनी दूरी है, उतना ही दुःख है। १६ शांत होने की उतनी जरूरत नही है, जितनी अशांति को समझने की जरूरत है। पहले तो अशांति को स्वीकार करने की जरूरत है कि मैं अशांत हं। फिर अशांति को पहचानने की जरूरत है कि यह अशांति क्या है ? १७ तनाव विकल्पों के लिए, बुरे विचारों के लिए उर्वरा भूमि है। १८ जहां धन को सब कुछ मान लिया जाता है वहां मानसिक संतप्तता, तनाव अधिक रहता है। १६ निराशा और असफलता की बात सोचने वाला देर-सबेर आत्महत्या को तैयार हो जाता है। २० तनावपूर्ण जीवन जीने वाले लोगों की ईर्ष्या जब पुरानी हो जाती है तब उसके फलस्वरूप रक्तचाप या हृदयरोग की उत्पत्ति होती है। योगक्षेम-सूत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003089
Book TitleYogakshema Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNiranjana Jain
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages214
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size7 MB
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