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बोये बबल, खाये आम ?
१ अच्छी और सदाचारी संतान उत्पन्न करने के लिए पहले माता-पिता को अच्छा और सदाचारी बनना चाहिए। बबूल
के वृक्ष में आम का फल नहीं लग सकता।। २ मनुष्य जो बोता है वही काटता है। यदि आप अपने अन्दर शंका, निराशा, तुच्छता आदि विचारों के बीज बोते हैं तो आपको जीवन में ये दुर्गुण सौगुने प्राप्त होंगे। इसके विपरीत सफलता, प्रेम, सुख, स्वास्थ्य और सम्पन्नता के विचार रखते हैं तो जीवन में वही प्राप्त होंगे। ३ व्यक्ति किसी दिन पाप का पौधा उगाकर भाग खड़ा होता है लेकिन एक दिन वह पाप का पौधा वटवृक्ष बनकर व्यक्ति के सामने आ खड़ा होता है । ४ आज जो बीज बोया जा रहा है, कल वह भविष्य बनेगा। ५ जैसा मूल होगा वैसा ही फूल होगा, वैसा ही फल होगा। ६ अपनी अच्छी करणी अच्छा फल देगी, अपनी बुरी करणी
बुरा फल देगी। ७ एक पाप दूसरे पाप के लिए दरवाजा खोल देता है। ८ यह जीव लक्ष्मी को चाहता है पर अच्छे-अच्छे धर्म में आदर बुद्धि नहीं करता। क्या बीज के बिना भी कहीं धान्य की
उत्पत्ति दिखाई देती है। ६ अपना किया हुआ अपने को ही भुगतना पड़ेगा। १० कोई आदमी चाहे जितना खतरनाक हो लेकिन इतना खतर
नाक कभी नहीं होता कि अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मारे । ११ जिन दृश्यों के अभिनय ने तुम्हें रूलाया, वैसे दृश्य जीवन में ___तुमने स्वयं निर्मित किए। बोये बबूल, खाये आम
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