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११ इस दुनिया में भीड़ इतनी बढ़ चुकी है कि यदि हम आज
किसी को खो दें तो कल उसे पाना कठिन हो जाता है । १२ गया वक्त न वापस आता, आवे चाहे आप विधाता। १३ जो आज जीने की हिम्मत करता है और कल की फिक्र
नहीं करता, ऐसा आदमी खतरे में जी रहा है। १४ जिसकी मृत्यु के साथ मैत्री हो, जो मौत के पंजे से निकलकर
पलायन कर सकता हो और जो जानता हो कि मैं नहीं मरूंगा, वही इच्छा कर सकता है कि यह काम कल करूंगा।
योगक्षेम-सूत्र
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