________________
१५ वह आदमी वास्तव में बुद्धिमान है, जो क्रोध में भी गलत बात
मुंह से नहीं निकालता। १६ सभी आक्रमण अतिक्रमण से उत्पन्न होते हैं, लिहाजा कटु
वचन बोलना भी सामने वाले के आत्म-सम्मान और व्यक्तित्व के प्रति किया गया अतिक्रमण ही है, एक अनधिकृत और निन्दनीय चेष्टा है और मानसिक विकृति का सूचक है। अहंकारी, ईर्ष्यालु व क्रोधी कठोर वाणी का प्रयोग करते हैं।
योगक्षेम-सूत्र
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org