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________________ स्वस्थ कौन ? १ स्वस्थ वह है जिसका मन शक्तिशाली है, जिसका मन प्रसन्न है, जिसके मन में संकल्प-विकल्प नहीं उठते, जिसका मन समता से भावित है, जिसके वेग शान्त हैं । २ स्वस्थ व्यक्ति कुदरती तौर पर आकर्षण की लहरें छोड़ता है । उसकी मुस्कराहट से सारे माहौल में मुस्कराहट भर जाती है । स्वस्थ आदमी हंसता है तो हर कोई उसके साथ हंस पड़ने को मचल उठता है । ३ स्वस्थ व्यक्ति जागने पर प्रसन्न मन, प्रसन्न वदन तथा आत्मतृप्त होता है । ४ बिना किसी तकलीफ के, बिना किसी नकली उत्तेजना के जो आदमी शरीर की सब क्रियायें सम्पादन कर ले, वही स्वस्थ है । २५ स्वस्थ होने की एक निशानी यह भी है कि त्वचा से कोई बदबू नहीं आनी चाहिये | त्वचा स्पर्श में हल्की, गर्म और कोमल होनी चाहिये, सूखी नहीं । ६ जो अपने आप में स्थित होता है, वह स्वस्थ है । ७ सर्वाधिक स्वस्थ वह है जिसके कषाय शांत हैं, जिसके रतिअरति, भय, शोक, घृणा, हास्य उपशान्त हैं, जिसकी वासना शान्त है । सारे शरीर में निरन्तर रक्त का प्रवाह रहे तो शरीर स्वस्थ रहता है । e स्वस्थ दशा में निद्रा शान्त और गाढ़ी होती है । १० स्वस्थ मन और शरीर के लिए आवश्यक नियम हैं- भूख से काफी कम खाना, खुली वायु में जीवन यापन करना, सदा कार्यरत रहना, चिन्तामुक्त हंसी-खुशी की जिन्दगी जीना, जल्दी सोना, जल्दी उठना और निर्द्वन्द्व होकर गहरी नींद योगक्षेम-सूत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003089
Book TitleYogakshema Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNiranjana Jain
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages214
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size7 MB
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