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________________ जीवन एक मधुर गीत है, दर्दभरी कहानी नहीं १ जीवन को स्वीकार करो। वह परमात्मा का प्रसाद है । लड़ो नहीं । भागो नहीं, उससे प्रेम करो क्योंकि प्रेम के अतिरिक्त और कोई विजय नहीं है । २ जीवन एक कहानी है - वह कितनी लम्बी है नहीं वरन् कितनी अच्छी है, यह विचारणीय प्रश्न है । ३ देखना चाहिए कि जीवन का तत्त्व कहां जा रहा है ? दो पैसे गुम जाने का तो रंज होता है मगर समग्र जीवन बीता जा रहा है, इसकी कोई चिन्ता नहीं । ४ गम से मुरझाया चेहरा जहां जिंदगी में लगे कांटों का राज खोलता है वहीं फूल - सा खिला-खिला चेहरा जिंदगी की मधुर रसभरी कहानी के तथ्य उजागर करता है । ५ अपने भीतर प्रवेश करो। गहरे और गहरे । देखोगे कि जीवन प्रेम, आदर्श और आनन्द से भरापूरा है । ६ जो व्यक्ति जीवन को संगीत बना लेता है, उसमें डूब जाता है, वास्तव में वह जीने की कला जानता है । ७ अपने घर की दीवारों पर ऐसे चित्र मत टांगो जो उदासी और गम दर्शाते हैं । चित्तको विस्मय से भरें, जीवन के रस में तल्लीन हों और आत्मा को प्रेमपूर्ण करें- इन तीन सीढ़ियों को पार करें और देखें कि जीवन में क्या हो जाता है । ६ जीवन में संतुलन का बहुत बड़ा स्थान है—अभावों और भावों के बीच का संतुलन, इतिहास और भूगोल का संतुलन और आदमी के दिल और दिमाग का संतुलन । १० संसार में वही मनुष्य सदा स्वस्थ, सुखी, प्रसन्न और सफल होता है जो काम करते हुए, कठिन परिश्रम करते हुए भी मुस्कराता है । जीवन एक मधुर गीत है, दर्दभरी कहानी नहीं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003089
Book TitleYogakshema Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNiranjana Jain
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1990
Total Pages214
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size7 MB
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