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१३ जो दस लाख शक्तिशाली योद्धाओं को रणभूमि में जीतता है,
उसकी अपेक्षा अपनी आत्मा को जीतनेवाला अधिक पराक्रमी
होता है। १४ अपनी परिक्रमा करने पर वह सब कुछ मिल जाता है, जिसके
मिल जाने पर फिर किसी वस्तु के मिलने की आकांक्षा शेष
नहीं रहती। १५ औरों को मनवाने की बात छोड़ दो, स्वयं को मनाओ। १६ यदि तूं मस्तिष्क को शान्त रख सकता है तो तूं विश्व पर
विजयी होगा।
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योगक्षम-सूत्र
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