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जीवन की परीक्षा का परीक्षा-फल है। अध्ययन और उत्तरपुस्तिका के आधार पर ही परीक्षाफल आता है। जिसके जीवन की उत्तरकापियां गलत हैं उसका परीक्षाफल कभी भी अच्छा
नहीं आ सकता है। १२ हे मृत्यु ! आप अकेले अपने ही बल से किसी को नहीं मार
सकतीं। जो मरता है अपने ही कर्मों से मरता है, आप तो
निमित्तमात्र हैं। १३ जितना सरल, सौम्य, हल्का और आवेश, उत्तेजनाओं से रहित
जीवन जिया जायेगा, उतना ही मृत्यु का भय और कष्ट हल्का
होता जायेगा। १४ श्मशान नवजीवन का उद्यान है, उसे देख कुड़कुड़ाओ मत ।
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योगक्षेम-सूत्र
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