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प्रवचन३१
संकलिका
.. सच्चं लोम्मि सारभूयं ।
० सार : विभिन्न मत ० सार है सत्य ० सार तत्त्व का लक्षण
जो शाश्वत तृप्ति, स्वास्थ्य, चित्त की प्रसन्नता, शक्ति, शान्ति देने वाला है, जो पवित्र है, वह सार है। ० भोग का लक्षण ० सत्य को परिभाषा ० सत्यमेव जयते : वर्तमान धारणा ० असत्य सार नहीं बनता भोग और त्याग की प्रकृति
भोग : पहले सरस, क्रमशः नीरस ० त्याग : पहले रूक्ष, क्रमश: सरस ० अमाप्य गहराई ० असंयम : सार में असार का आरोपन ० सार का आभास : सार ० सार है संयम और त्याग
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