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आओ लड़ें
समन्वय एवं समझौता है । हम इस सचाई को समझें, शांति एवं समन्वय की चेतना को जगाएं। इस स्थिति में ही 'आओ लड़ें' - यह निमंत्रण सार्थक बन सकता है । जिसके हाथ में शान्ति और समन्वय - ये दो अस्त्र हैं, उसे कोई परास्त नहीं कर सकता । वह सदा अपराजेय और अजातशत्रु होता है ।
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