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प्रवचन २५
संकलिका
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० जे छेए से सागारियं ण सेवए । ० कट्ट एवं अविजाणओ, बितिया मंवस्स बालया ॥
(आयारो ५/१०-११) ० महत्त्वपूर्ण प्रश्न ० दृष्टान्त की भाषा ० मूर्ख : समझदार ० बंधन मुक्ति : मार्मिक कथन ० मस्तिष्क प्रशिक्षण का सूत्र ० पहली मूर्खता : अनाचार का सेवन ० दूसरी मूर्खता : अनाचार की अस्वीकृति • व्यक्ति की मनोवृत्ति ० मूर्खता का कारण : बालपन ० बालपन : दो कारणमूर्छा की प्रबलता
समझदारी का अभाव ० ज्यादा हैं समझदार-मूर्ख ० बाल-भाव से मुक्ति : चार उपाय
संयम-- इन्द्रिय निग्रह का अभ्यास चित्तशुद्धि-चित्त की पवित्रता बंध के प्रति जागरूकता
बंध-विपाक के प्रति जागरूकता • अपनी स्मृति : आत्मा की स्मृति
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