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प्रवचन २१ ।
| संकलिका
० अट्टा वि सता अदुवा पमत्ता • अहा सच्चमिणं ति बेमि
__(आयारो ४/१४-१५) .0 कष्ट है असंतोष • सुख है संतोष .0 संतोष है स्वयं से प्रीति .० असंतोष है पदार्थ में तृप्ति की खोज .० स्त्री की एक विशेषता है विलास .० सुन्दर दिखाई देने की प्रवत्ति क्यों ? ० विलास पैदा करता है असंतोष .. लक्षण चंचलता का • संतोष अपने ही भीतर है ० भीतर की पीड़ा है असंतोष .० आर्त के दो अर्थ
अभावग्रस्त पीड़ित ० क्रूरता की पृष्ठभूमि : विलास ० शोषण की समस्या : करता o आर्त और प्रमत्त न बनें • स्वयं से प्रीति करना सीखें ।
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