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समर्पण का सूत्र : चतुर्विंशतिस्तव
... २९ वहां उन्होंने यह चर्चा प्रस्तुत की कि जीन के विषय में आज सारे संसार में बड़ी अद्भुत बातें चल रही हैं । इतनी तेजी के साथ खोजें हो रहीं है कि अगर हम कोई नयी बात दे सकें तो भारत का बहुत बड़ा योग होगा, अनुदान होगा। मैंने कहा-यह तो संभव है, क्योंकि आज जीन की खोजों के द्वारा जो हो रहा है, उसकी कर्मशास्त्र में बहुत विस्तार से चर्चाएं हुई हैं। कर्म-प्रकृतियों को जानने वाला, कर्मशास्त्र का अच्छा अध्येता व्यक्ति इन सारे रहस्यों को समझ सकता है, जो रहस्य आज जिनेटिक इंजीनियरिंग में समझे जाते हैं। ___मुझे कोई आश्चर्य नहीं लगता है कि यदि भावना का वैसा प्रयोग किया जाए तो इच्छित सन्तान प्राप्त की जा सकती है। ज्ञातासूत्र को पढ़ने वाला हर व्यक्ति जानता है कि एक गर्भवती स्त्री के लिए कितने निर्देश दिए गए हैं। ज्ञातासूत्र ग्यारह अंगों में छठा अंग है । उसका पहला अध्ययन है-मेधकुमार । उस अध्ययन में मेघकुमार का प्रसंग है। वहां गर्भ का प्रसंग है, गर्भिणियों का वर्णन है । इतना वैज्ञानिक वर्णन है कि मां को कैसे उठना, बैठना, चलना, खाना तथा किस प्रकार का विचार करना चाहिए। पूरा सांगोपांग वर्णन है। क्योंकि उस अवस्था में माता का जिस प्रकार का विचार, भाव, व्यवहार होता है वैसा ही प्रतिबिम्ब बच्चे पर पड़ता है। कुछ वैज्ञानिकों ने प्रयोग किया कि एक कमरा बिलकुल नीले रंग से रंग दिया। चारों तरफ नीला ही नीला रंग । खरगोश के एक जोडे को वहां छोडा गया। जब बच्चा हआ तब देखा गया कि खरगोश के बच्चों के जो केश हैं, उनमें नीले रंग की छाया है।
नीग्रो का फोटो सामने था । एक गर्भिणी उसको देखती रहती । बच्चा नीग्रो जैसा पैदा हुआ। ___हमारे अन्तर्जगत् में, सूक्ष्म जगत् में भावना का इतना प्रबल प्रभाव होता है कि जिस प्रकार की भावनाएं निरन्तर चलती रहती हैं, व्यक्ति का परिणमन उसी प्रकार होता चला जाता है । हम स्थूल जगत् में बहुत कम बदलते हैं किन्तु भीतर का जगत् इतना बदलता है और इतनी सूक्ष्मता से बात को पकड़ता है कि हम सामान्यत: कल्पना ही नहीं कर सकते। यह भावना का प्रयोग बहुत महत्त्वपूर्ण प्रयोग होता है। आपको पता है कि हिमालय में कितनी भयंकर बर्फ पड़ती है। तिब्बत के योगियों में एक कसौटी होती थी कि वहां साधक साधना करता और साधना की परीक्षा देनी होती । गुरु परीक्षा लेता तो दो प्रकार का प्रयोग करवाता-बर्फ पर बैठकर पसीना निकाल दे तो कसौटी में उत्तीर्ण । लामा बर्फ की
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