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प्रगतिका मन्त्र
सहगमन कैसे होगा ? तुम शीघ्र चलते हो, वह चलता है धीमे । सहगमन होगा : तुम कुछ धीमे चलो, और वह कुछ तेज़ चले। यह गतिरोध नहीं है। यह है हजारोंकी प्रगतिका मूल-मन्त्र ।
चरण-चिह्न
तू चलेगा तो तेरे चरण धूलमें अंकित होंगे, परन्तु ऐसे चल कि लोग तेरे पद-चिह्नोंके पीछे चलने के लिए लालायित हों।
भाव और अनुभाव
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