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आध्यात्मिक चिकित्सा [२] : ७५
काम नहीं करती। हम इस प्रेक्षा-ध्यान की पद्धति, जिसमें अनुप्रेक्षा और मंत्र-आराधना भी सम्मिलित है, के द्वारा निर्विकारता, वीतरागता आनन्द और शक्ति का समन्वित विकास करना चाहते हैं। यही हमारा प्रमुख उद्देश्य
है।
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