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महामंत्र : ४६
कामनाएं, वासनाएं सूखने लग जाती हैं और चेतना का ऊर्ध्वारोहण प्रारम्भ हो जाता है।
नमस्कार मंत्र का महामंत्र होने का हेतु है-वृत्तियों का ऊर्वीकरण, बुद्धि का ऊर्चीकरण । मंत्र का एक-एक शब्द आत्म-भावना का ऊर्वीकरण करता है।
मैंने चार हेतु प्रस्तुत किए। इनके परिप्रेक्ष्य में कहा जा सकता है कि यह नमस्कार मंत्र यथार्थ में महामंत्र है ।
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