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________________ व्यक्ति और समाज २८ नहीं है। जलकण जलराशि से उत्पन्न नहीं है, किन्तु वह जलराशि से विलग टिक नहीं सकता, अतः उसका अस्तित्व जलराशि से भिन्न नहीं है । पेड़ और पत्र का सम्बन्ध समाज और व्यक्ति का सम्बन्ध नहीं हो सकता । पत्रों के समूह से पेड़ नहीं बनता किन्तु पत्र पेड़ से उत्पन्न होते हैं। समाज व्यक्तियों के समूह से बनता है, किन्तु व्यक्ति समाज से उत्पन्न नहीं होते। मछली का कर्मक्षेत्र जलाशय है । व्यक्ति का कर्मक्षेत्र समाज है । जलकण का विस्तार क्षेत्र जलराशि है । व्यक्ति का विस्तार - क्षेत्र समाज है। मछली का अस्तित्व जलाशय से भिन्न नहीं है, फिर भी समाज और व्यक्ति के सम्बन्धों की तुलना उनसे नहीं हो सकती । समाज और व्यक्ति के सम्बन्ध का आधार एक जातीयता है, जबकि जल और मछली भिन्न जातीय हैं। समाज और व्यक्ति के सम्बन्ध जलराशि और जलकण से तुलित होते हैं । समाज और व्यक्ति में वैसे ही सजातीयता है जैसे जलराशि और जलकण में है । फलित की भाषा में समाज और व्यक्ति के सम्बन्ध का निकष है - एकजातीयता से निष्पन्न एकात्मकता । व्यक्ति समाज से एकात्मक है । कोई भी एकात्मकता अमर्यादित नहीं होती । जहां सामाजिक सापेक्षता है वहां व्यक्ति समाज का अभिन्न अंग है । जिस परिधि में सामाजिक सापेक्षता नहीं होती, वहां व्यक्ति सामाजिक रेखा का एक बिन्दु है । यह निरपेक्षता अध्यात्म की परिधि में प्राप्त होती है। मैं देख रहा हूं कि एक आदमी धनार्जन कर रहा है और घर के सभी लोग उसका उपभोग कर रहे हैं। धन भौतिक है इसलिए वह प्रसरणशील है - एक द्वारा अर्जित होने पर भी दूसरे द्वारा भुक्त हो सकता है। मैं देखता हूं कि एक आदमी धन का विनिमय कर रहा है। धन भौतिक है इसलिए उसका विनियम हो सकता है - एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु दी जा सकती है। अध्यात्म भौतिक वस्तु नहीं है इसीलिए वह प्रसरणशील भी नहीं है और उसका विनिमय भी नहीं हो सकता । वह आत्म- केन्द्रित है और नितान्त वैयक्तिक है। बिजली दृश्य वस्तुओं को प्रकाशित कर देती है पर उनमें अपनी प्रकाश-शक्ति नहीं भर सकती। एक व्यक्ति का Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003068
Book TitleMain Mera Man Meri Shanti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2000
Total Pages230
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Spiritual
File Size9 MB
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