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________________ आग्रह के आधार पर चली है 1 साम्यवादी दल के दो गुट - दक्षिणपंथी और वामपंथी, केवल वैचारिक आग्रह के आधार पर हुए हैं। सारा विश्वास लोकतंत्री और साम्यवादी - इन दो खेमों में विभक्त है । उसका हेतु भी वैचारिक आग्रह है हुआ I आग्रह के इन विभिन्न स्वरों में सामंजस्य स्थापित करना और उनके औचित्य - अनौचित्य का निर्णय देना मतभेद से मुक्त नहीं है । प्रस्तुत प्रकरण में व्यावहारिक घटनाओं को एक ही कसौटी से कसने की मनोवृत्ति सर्वाधिक ही है आग्रह और अनाग्रह की सैद्धान्तिक स्थापना विवाद - बन्ध से उन्मुक्त हो सकती है । सत्य की खोज के लिए हमारी बुद्धि में अनाग्रह होना चाहिए किन्तु उपलब्ध सत्य के आचरण का आग्रह अवश्य होना चाहिए । ' ऐसा हुए बिना हम सत्य को जान सकते हैं, पा नहीं सकते । यदि सत्य के प्रति हमारा आग्रह हो तो हम समस्याओं का पार पा सकते हैं। ३१. अध्यात्म-बिन्दु अध्यात्म-1 -बिन्दु १२६ १. आकाश इतना ही नहीं है आकाश असीम है, इस सत्य से मैं परिचित हूं। फिर भी मैं उसे बांधने का प्रयत्न करता रहा हूं। मैंने आकाश को बांधा है, वह मेरा घर है । मेरे घर में आकाश है पर आकाश इतना ही नहीं है । वह मेरे घर से बाहर भी है । मेरा घर मुझे आश्रय देता है, धूप से बचाता है, सर्दी-गर्मी से सुरक्षा करता है, इसलिए मैं उसे अपना मानता हूं, उसकी सुरक्षा करता हूं। किन्तु मुझे यह मानने का कोई अधिकार नहीं कि दूसरे के घर में आकाश नहीं है । 1 Jain Education International धार्मिक वह है जिसमें सत्य की जिज्ञासा है । धार्मिक वह है जो सत्य की खोज करता है । धार्मिक वह है जो सत्य का आचरण करता है । जिसमें सत्य की जिज्ञासा नहीं है किन्तु वह धार्मिक है, इसका अर्थ हुआ कि लौ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003068
Book TitleMain Mera Man Meri Shanti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2000
Total Pages230
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Spiritual
File Size9 MB
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