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महावीर, मार्क्स, केनिज और गांधी । बार कहा- 'शुद्ध अर्थ में मैं आध्यात्मिक और धार्मिक व्यक्ति हूं। मैंने राजनीति को माध्यम बनाया है जनता के साथ आत्मीयता स्थापित करने के लिए। उसके लिए यह सबसे बड़ा माध्यम है, इसलिए इसे मैंने चुना है। किन्तु मेरी कोई भी राजनीति, समाजनीति, अर्थनीति अध्यात्म से पृथक् नहीं हो सकती। अगर अध्यात्म से पृथक् है तो वह मेरे लिए कचरा है, धूलि है, किसी भी तरह से वह मेरे लिए उपयुक्त नहीं है, मुझे मान्य नहीं है।' भौतिक व्यक्तित्व ___ मार्क्स और केनिज आध्यात्मिक व्यक्तित्व नहीं हैं। ये शुद्धरूप में आर्थिक व्यक्तित्व हैं, भौतिक व्यक्तित्व हैं। न आत्मा, न धर्म, न मोक्ष, कोई अपेक्षा नहीं। केवल पदार्थवादी व्यक्तित्व हैं। उन्होंने केवल उसी की चर्चा की है, उसी की चिन्ता की है। दूसरा कोण
इन चारों को व्यक्तित्व के दूसरे कोण से देखें तो निष्कर्ष आएगा• महावीर अहिंसक क्रान्ति के पुरोधा हैं। • गांधी अहिंसा समन्वित सर्वोदयी आर्थिक व्यवस्था के परोधा हैं। • मार्क्स साम्यवादी आर्थिक क्रान्ति के पुरोधा हैं। • केनिज पूंजीवादी आर्थिक क्रान्ति के पुरोधा हैं।
इन चारों के स्थूल व्यक्तित्व की पहचान हम इन शब्दों में कर सकते हैं। छह पेरामीटर
किसी व्यक्ति को जानने के लिए हमें पेरामीटर का उपयोग करना होता है। इन चार व्यक्तित्वों की तुलना हम निम्नांकित मानदण्डों के आधार पर कर सकते
• अभिमुखता • प्रेरणा
साध्य • साधन • प्रयोजन
स्वतन्त्रता
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