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महावीर का अर्थशास्त्र दौड़ रहे हैं। उनके साइलेंसर से निकला घातक धुआं, जिसमें शीशे की मात्रा अन्य धातुओं की मात्रा से बहुत ज्यादा है, फेफड़ों में पहुंचकर आदमी के सम्पूर्ण शरीर को हानि पहुंचा रही है। ___जीवन के प्रमुख तीन साधन हैं-मिट्टी, जल और वायु । ये तीनों प्रदूषित हो रहे हैं। इस प्रदूषण की ओर ध्यान गया है, इससे भी आगे ध्यान गया है कि ओजोन की छतरी में छेद हो रहा है। इससे तापमान बढ़ेगा, समुद्र का जलस्तर भी बढ़ेगा, पृथ्वी पर इतना खतरा बढ़ जाएगा कि इस पर रहना मुश्किल हो जाएगा। छठा काल खंड ... जैन आगमों में छठे आरे का वर्णन मिलता है । यह एक कालखण्ड है । अभी पांचवां कालखण्ड चल रहा है । छठां आरा प्रलयकाल होगा। उस समय ओजोन की छतरी छिद्र युक्त ही नहीं, पूरी ध्वस्त हो जाएगी और पराबैंगनी किरणें सीधे पृथ्वी पर मार करेंगी। पृथ्वी इतनी गरम हो जाएगी कि इस पर किसी प्राणी का जीवित बचना संभव नहीं होगा। प्राणी ही नहीं, वनस्पति तक जल कर राख हो जाएगी। हिमालय की गुफा में रहने वाले कुछ लोग शायद शेष रह जाएं पानी में कुछ मछलियां बच जाए। दिन में आग बरसेगी और रात का तापमान शून्य से भी काफी नीचे हो जाएगा। छठे कालखण्ड का जो लोमहर्षक वर्णन मिलता है और वैज्ञानिकों द्वारा ओजोन छतरी के टूटने के जो दुष्परिणाम बताए जा रहे हैं, उसमें काफी समानताएं हैं। भुला दिया दूसरा पक्ष . पर्यावरण के इस प्रदूषण में उद्योगों की मुख्य भूमिका है। उद्योगों में प्रयुक्त तेल और गैस ओजोन छतरी को विखण्डित कर रही है। इस गंभीर समस्या की
ओर आज के वैज्ञानिकों का ध्यान गया है। मैन्सहोल्ड की भविष्यवाणी है—हम समाधान खोज लेंगे। किन्त अभी तो समस्या जटिल ही हो रही है। एक समस्या का समाधान खोजते हैं और दूसरी नई समस्या पैदा हो जाती है। हम मान भी लें कि पर्यावरण की समस्या का समाधान कर लेंगे। अभी कालखण्ड बचा हुआ है, शायद पृथ्वी भी उतनी गरम न हो । पूंजीवादी विचारकों ने इस ऊर्जा और पर्यावरण सम्बन्धी समस्या का समाधान खोजने की बात कह दी, किन्तु उन्होंने मनुष्य के दूसरे पक्ष को भुला दिया। वह पक्ष है स्वास्थ्य का पक्ष । मानसिक स्वास्थ्य, भावात्मक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य भी समस्या का एक पक्ष है ।बढ़ती हुई हिंसा की समस्या भी एक पक्ष है । इन पर पूरा विचार नहीं किया गया। अगर इन पर एक
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