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अहिंसा : व्यक्ति और समाज
विकास की दौड़ में वे मानवीय सहृदयता, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व की भावना का कभी अवमूल्यन न होने दें। मनुष्य यंत्र के बल पर नहीं, भावना और प्रेम के बल पर जीता है।
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