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________________ प्रयोग यह किया-उसने कागज के छह टुकड़े लिये। पांच टुकड़ों पर कुछ नहीं लिखा। एक टुकड़े पर लिखा-इस कमरे में जो दो पौधे हैं, उनमें से एक पौधे को उखाड़ देना है, नष्ट कर देना है, पैरों से रौंद डालना है। उसने कागज के छहों टुकड़े कमरे में रख दिए। फिर उसने छह व्यक्तियों की आंखों पर पट्टी बांधकर उनसे कहा-'कमरे में जाओ और एक-एक टुकड़े उठा लो।' छहों व्यक्ति कमरे में गए। जो हाथ में आया, वह टुकड़ा उन्होंने एक-एक कर उठा लिया। एक व्यक्ति के हाथ में वह लिखा हुआ कागज आया। छहों ने आंख की पट्टियां खोलीं। अपना-अपना कागज देखा। पांच के कागज खाली थे। छठे के कागज पर कुछ लिखा था। वह व्यक्ति कमरे में गया और लिखे अनुसार एक पौधे को उखाड़ा, पैरों से रौंदा और उसे नष्ट कर डाला। वेकस्टन को भी पता नहीं था कि छहों व्यक्तियों में से किसने यह काम किया है। अब वेकस्टन ने एक-एक कर छहों व्यक्तियों को कमरे में जाने के लिए कहा। कमरे में जो एक पौधा बचा था, उस पर पोलीग्राफ लगा दिया गया। पहला व्यक्ति गया। पौधे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। दूसरा, तीसरा, चौथा और पांचवां व्यक्ति गया। पौधे ने कोई प्रतिक्रिया अंकित नहीं की। वह शांत था, सहज-सरल था। ज्योंही साथी पौधे को उखाड़ फेंकने वाला छठा व्यक्ति कमरे में प्रविष्ट हुआ, सारा पौधा कांप उठा। उसके कंपन पोलीग्राफ पर अंकित होने लगे। उस ग्राफ को देखकर वैज्ञानिक ने जान लिया कि इस व्यक्ति ने ही पौधे को नष्ट किया है। मनुष्य नहीं जान सका इस सारी बात को और पौधा जान गया, पहचान गया। कितना तीव्र संवेदन और कितनी तेज पहचान होती है वनस्पति के जीव में। वैज्ञानिक वेकस्टन ने एक दूसरा प्रयोग भी किया। पौधों पर पोलीग्राफ लगा हुआ था। वह एक प्रयोग कर रहा था। प्रयोग करते-करते उसके मन में एक बात आयी। उसने मन ही मन सोचा कि दियासलाई मंगवाकर इस पौधे को जला डालूं। जैसे ही उसके मन में यह बात आयी, ग्राफ की सुई घूमने लगी। अग्नि का ग्राफ उभर आया। दूसरा ग्राफ भी वैसा ही हुआ। वह वहां से उठा। कमरे में गया दियासलाई व्यक्तित्व की व्यूह-रचना : आत्मा और शरीर का मिलन-बिन्दु १६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003062
Book TitleAbhamandal
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year2004
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size11 MB
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