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८ लेश्या : एक विधि है रसायन-परिवर्तन की
३. .
१. • अन्तर्ज्ञान द्वारा चैतन्य केन्द्रों का शोधन। २. • आनन्द द्वारा रसायन-परिवर्तन।
कर्म के अनुभाव का मन्दीकरण। ४. . उपवास से रासायनिक परिवर्तन।
* ध्यान से रासायनिक परिवर्तन। * दीर्घश्वास से रासायनिक परिवर्तन।
* प्रेक्षा से रासायनिक परिवर्तन। ५. • लेश्या-गंध, रस और स्पर्श-अच्छे भी और बुरे भी।
विष के भी रसायन हैं और अमृत के भी रसायन हैं। आयुर्वेद ने रसायनों पर बहुत काम किया है। आयुर्वेद के आचार्यों ने ऐसे रसायनों के प्रयोग किए जिनसे शरीर पूर्ण स्वस्थ हो सके और उसमें जमे हुए विष समाप्त हो सकें। अध्यात्म समूची रसायन की प्रक्रिया है। यह रसायन को बदलने की प्रक्रिया है। केमेस्ट्री का विद्यार्थी जानता है कि पदार्थ के रसायनों का परिवर्तन करने पर नयी अवस्था उत्पन्न हो जाती है। मानवीय रसायन का भी यही सिद्धान्त है। ह्यूमन आलकेमी (Humen Alchemy) पर जिन्होंने काम किया है, जो मानवीय रसायनों की संरचना का बोध रखते हैं, वे भली-भांति जानते हैं कि हमारे शरीर के रसायनों का परिवर्तन करने पर एक नयी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ध्यान की समूची प्रक्रिया, योग की समूची प्रक्रिया और तप की समूची प्रक्रिया रसायन-परिवर्तन की प्रक्रिया है। उपवास इसलिए किया जाता है कि शरीर का रसायन बदल जाए, रसायनों की संरचना बदल जाए। खाते-खाते
लेश्या : एक विधि है रसायन-परिवर्तन की २०६
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