SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 9
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ का सम्बन्ध, अहिंसा का महत्त्वपूर्ण सूत्र, हिंसा पर अंकुश का मार्ग, आहार का एक पहलू - अनाहार, आहार और स्वास्थ्य, चिन्तन की दयनीय स्थिति। 3. अहिंसा और आसन 31-38 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा के अछुते पहलू, पृ. 38) आवश्यक है श्रम, कल्पना इक्कीसवीं शताब्दी की, आसन और अहिंसा, सही निदान को प्राथमिकता, सबसे ज्यादा मूल्य है भाव का, प्रश्न है भावतंत्र को मजबूत बनाने का, बात कल्पना से परे, युद्ध पहले मस्तिष्क में, अहिंसा : शारीरिक दृष्टि, विष-निष्कासन का साधन : आसन, अहिंसा का सम्बन्ध है आसन से। 4. अहिंसक व्यक्तित्व का निर्माण 38-46 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा के अछुते पहलू, पृ. 46) एक विरोधाभास, प्रश्न-चिह्न : अहिंसक के सामने, आस्था मत बदलो, संस्कारगत है हिंसा, गलत दृष्टिकोण से बचें, अनिवार्य है अहिंसा का प्रशिक्षण, प्रशिक्षण का विशेष प्रयोग, मुक्त हो बंधनों से, जरूरत है जागरूक प्रयत्न की, गुणवत्ता पर ध्यान, जरूरत है विचार क्रांति की। 5. हिंसा : मानसिक तनाव और नशा 46-48 ___-युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा और शांति, पृ. 39) मानसिक तनाव का हेतु, नशे की आदत की फलश्रुति, असामंजस्य इच्छा और क्रिया में, अहिंसा के विकास का सशक्त साधन। 6. जीवन मरण से जुड़ी हुई हिंसा और अहिंसा 48-50 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा और शांति, पृ. 21) रहस्यपूर्ण संवाद, बालमरण : अस्वस्थता का चिह्न, निष्कर्ष एक ही है, साध्य-साधन की शुद्धि, अहिंसा है मोह-विलय की साधना। 3. अहिंसा और नि:शस्त्रीकरण ____51-73 -युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा और शांति, पृ. 3) (ii) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003061
Book TitleAhimsa aur Anuvrat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSukhlalmuni, Anand Prakash Tripathi
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2007
Total Pages262
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy