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1. महावीर की अहिंसा और निःशस्त्रीकरण
51-54
हिंसा का प्रयोग एक हथियार के रूप में, अहिंसा की प्रथम आचारसंहिता, मूल है भावनात्मक शस्त्र, अस्तित्व का संकट ।
2. वर्तमान नि:शस्त्रीकरण
54-56
युवाचार्य महाप्रज्ञ
जीत के बाद हार की खामोशी, नि:शस्त्रीकरण की त्रिपदी, रूस और अमेरिका, अहिंसा के आधार स्तम्भ, छिपे हिमखंड को देखना ।
3. युद्ध और अहिंसा
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56-58
- युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा और शांति, पृ. 57 ) युद्ध एक अवधारणा, शस्त्र का निर्माण, हिंसा का बीज प्रत्येक प्राणी में, अहिंसक समाज - रचना का आधार, अनाक्रमण की दीक्षा । 4. शस्त्र - विवेक
58-59
- युवाचार्य महाप्रज्ञ (अस्तित्व तत्त्व - दर्शन, पृ. 16 ) 5. पर्यावरण और उसका संतुलन
59-65
- युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा और अहिंसा, पृ. 16 ) पर्यावरण-असंतुलन, समस्या का कारण, भविष्य विश्व का, क्यों बिगड़ रहा है संतुलन, पर्यावरण- विज्ञान : अहिंसा, भविष्यवाणी भगवती सूत्र की, धोखा खा रहा है आदमी, काल की उदीरणा न हो, समाधान - सूत्र, सीमातीत उपभोग, संकल्प लें, वर्तमान संदर्भ ।
6. वनस्पति जगत् और हम
65-70
- युवाचार्य महाप्रज्ञ (अस्तित्व और अहिंसा, पृ. 24 ) जीवन का नया दौर, प्राण शक्ति : मुख्य आधार, आत्मतुला, अभय का अवदान, बीमारी का कारण, महत्त्वपूर्ण स्वीकृति, कृत्रिम क्षुधा से बचें, अर्थशास्त्र का सूत्र, प्रश्न आवश्यकता का, विराम कहाँ होगा ?, महावीर का अहिंसा - दर्शन, विषय : आवर्त ।
7. हम अकेले नहीं हैं
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70-73
- युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा और शांति, पृ. 9)
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