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1. अहिंसा का सिद्धांत
अनुक्रम
खंड प्रथम : सिद्धांत
- युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा तत्त्व-दर्शन,
1. अहिंसा का स्वरूप
अहिंसा का आदि - स्रोत, सामाजिक अस्तित्व और अहिंसा, आत्मा का अस्तित्व और अहिंसा ।
1-16
पृ. 3)
1-3
2. विभिन्न भारतीय दर्शनों में अहिंसा
3-11
आत्मौपम्य-दृष्टि, अहिंसा के दो रूप, अहिंसा की परिभाषा, भारतीय दर्शनों में अहिंसा |
3. अहिंसा का विश्लेषण
11-16
अहिंसा का आदि स्रोत, सामाजिक अस्तित्व और अहिंसा, आत्मा का अस्तित्व और अहिंसा ।
2. अहिंसा का व्यावहारिक स्वरूप
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17-50
- युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा के अछुते पहलू, पृ. 1)
17-24
1. हमारी जीवन शैली और अहिंसा व्यावहारिक अहिंसा, हिंसा का भाव आकस्मिक नहीं, मूल्यांकन का दृष्टिकोण, पारमार्थिक अहिंसा, अहिंसा का संकेत, अहिंसा का मूलाधार, मूल को पकड़ें, आवश्यक है संतुलन ।
2. अहिंसा और आहार
24-31
- युवाचार्य महाप्रज्ञ (अहिंसा के अछुते पहलू, पृ. 30 ) आहार से जुड़े कुछ तत्त्व, भोजन से जुड़ी समस्याएँ, भोजन : दो पहलू, आदमी हत्यारा क्यों बनता है ?, मूड क्यों बिगड़ता है ?, तिनका मूसल बन गया, भावनात्मक असंतुलन का मुख्य घटक : आहार, अन्न और मन
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