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________________ दुनिया का स्वभाव तनाव मुक्ति का तीसरा सूत्र है-घटना को मूल्य न देना। घटना को महत्त्व देना तनाव का एक कारण बनता है। घटना सामने आए तो यह सोचो-दुनिया में ऐसा ही होता है। बस, बात समाप्त हो जाएगी। पानी ऊंची भूमि पर बरसता है और बह जाता है गड्ढे में पानी आता है। तो गड्ढा भर जाता है। एक वह व्यक्ति होता है, जो ऊंची भूमि पर, ऊंचाई पर अवस्थित है। पानी बरसता है, टिकता नहीं, नीचे चला जाता है। गड्ढा पानी को अपने में भर लेता है। पानी सड़ता रहता है, बदबूदार कीचड़ में परिवर्तित होकर उधर से गुजरने वाले के लिए भी समस्या बनता है। ज्ञाता ऊंचाई पर होता है और भोक्ता गड्ढे के समान होता है। अगर यह चिंतन बना लें कि यह दुनिया है, दुनिया का स्वभाव है, इसमें सब प्रकार के लोग होते हैं, मैं किस-किस के पीछे दौडूं ? कब-कब दुःखी बनूं ? क्या मैं दुःखी बनने के लिए ही जन्मा हूं ? यह चिन्तन जैसे ही आएगा, तनाव सारा दूर हो जाएगा, हम तनाव से निष्प्रभावी बने रहेंगे।) . ऐसा होता है दुनिया में पूज्य गुरुदेव के दिल्ली प्रवास की एक घटना है। एक परिचित भाई मेरे पास आया। अच्छा व्यापारी और अच्छा राजनीतिक कार्यकर्ता। मेरे पास बैठा और रोने लगा। ऐसा आदमी रोए, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मैंने कारण पूछा। थोड़ी देर में वह सामान्य और आश्वस्त हुआ। उसने कहा-महाराज ! क्या बताऊं, पांच-सात दिन पहले की घटना है। तीन भाई और हैं। वे काम देखते हैं। मैं सार्वजनिक और राजनीतिक कार्यों में व्यस्त रहता था। अब भाइयों ने कह दिया है कि तुम्हारे हिस्से में कुछ भी नहीं है। पांच-सात लाख रुपया तुम्हारे माथे है, उसे चुकाना है। शेष हिस्से में तुम्हारा कुछ भी नहीं है। उसने व्यथाभरे स्वर में कहा-महाराज ! धन की कोई वात नहीं, पर भाइयों ने मेरे साथ ऐसा धोखा किया, यह वात मुझसे सहन नहीं हो रही है। मैंने कहा-'तुम बड़ी भूल कर रहे हो। इतने समझदार आदमी होकर भी तुम कहां बहे जा रहे हो ? तुम ऐसा मान कर चलो कि दुनिया में ऐसा होता है। ऐसा न हो तो यह आश्चर्य की बात ७८ : नया मानव : नया विश्व Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003059
Book TitleNaya Manav Naya Vishwa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1996
Total Pages244
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Spiritual
File Size10 MB
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