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जरूरी है परीक्षण
मनुष्य शरीर को हृष्ट-पुष्ट और नीरोग रखने के लिए शरीर पर ध्यान देता है । उसे गलत नहीं कहा जा सकता। वह भी एक प्राथमिक आवश्यकता है किन्तु इस दृष्टि से भी ध्यान देना जरूरी है कि शरीर के महत्त्वपूर्ण अवयवों का हमारी वृत्तियों और मन पर क्या असर हो रहा है ? आजकल लोग शरीर का टेस्ट बहुत कराते हैं । टेस्ट में हजारोंहजारों रुपये खर्च कर देते हैं किन्तु यह टेस्ट नहीं कराते कि थायरायड, पिट्यूटरी, एड्रीनल आदि ग्रन्थियां कैसे काम कर रही हैं। वे ठीक से काम कर रही हैं या नहीं ? हिंसा को रोकने के लिए इनका टेस्ट बहुत आवश्यक है।
नेपोलियन वाटर लू की लड़ाई हार गया। एक प्रश्न उभरा - विश्वविजय का सपना देखने वाले इस योद्धा की पराजय क्यों हुई ? उसके मस्तिष्क की मेडिकल जांच की गई। जांच से पता चला - जिस समय नेपोलियन ने वाटर लू की लड़ाई का निर्णय लिया था, उस समय उसकी पिट्यूटरी ग्लैण्ड फैल हो गई थी, इसलिए युद्ध के दौरान वह उचित निर्णय नहीं ले सका और पराजित हो गया ।
अहिंसा प्रशिक्षण का अर्थ
आहार और स्वास्थ्य का प्रशिक्षण बहुत महत्त्वपूर्ण है। वैज्ञानिक इसमें लगें और खोजें तो एक दिन अहिंसा की ऐसी कोई विधि सामने आ सकती है, जिसके प्रति पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित हो सकता है । जब से अहिंसा के प्रशिक्षण का स्वर उभरा, अहिंसा प्रशिक्षण पर दो कान्फ्रेंसें हुईं, दुनिया का ध्यान इस ओर आकृष्ट हुआ है । अनेक पत्र आए, यह जिज्ञासा मुखर हुई - अहिंसा - प्रशिक्षण की विधि क्या है ? सामान्यतः अहिंसा प्रशिक्षण का मतलब है - कहीं लड़ाई हो रही हो तो शान्ति सैनिक वहां जाएं, उन्हें समझा-बुझाकर शान्त करें। यह एक कोण हो सकता है । इसे हम अहिंसा प्रशिक्षण की परिपूर्ण विधि नहीं मान सकते । हिंसा और अहिंसा को हमने युद्ध और शान्ति के क्षेत्र तक ही सीमित कर दिया । वस्तुतः यह जीवन का व्यवहार है । हर व्यक्ति के जीवन में बार-बार हिंसा और अहिंसा के
४४ : नया मानव : नया विश्व
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