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________________ और संघर्ष शुरू होते हैं। जिसने आग्रह का रंगीन चश्मा लगा लिया, उसके लिए सब कुछ रंगीन हो गया। जब जीवन में ऐसा कोई मिथ्या आग्रह पनपता है तो समस्याएं उलझती हैं। चेतना की खोज वैज्ञानिक व्यक्तित्व की दूसरी कसौटी है-चेतना की खोज, मानव की खोज। आज इसकी सर्वाधिक अपेक्षा है। मानव की खोज बहुत कम हुई है। वैज्ञानिकों ने जितने परीक्षण किये हैं, चूहों पर, मेढकों और बन्दरों पर किए हैं। सारे प्रयोग पशुओं पर हुए हैं। मनुष्य को उसने अपनी प्रयोग भूमि नहीं बनाया। मनुष्य को समझने का सबसे कम प्रयत्न हुआ है। अब आवश्यकता है कि मानव का भलीभांति अध्ययन हो। मानवीय मस्तिष्क का अध्ययन उसमें प्रमुख बने। हमारी सारी शिक्षा, सभ्यता, संस्कृति, सारे जीवन-मूल्य-इनका अधिष्ठाता प्रतिष्ठाता तो मनुष्य का मस्तिष्क है, नाड़ीतंत्र है, ग्रंथितंत्र है। इन सबका अध्ययन तो नहीं किया जा रहा है, समझने का प्रयत्न नहीं किया जा रहा है, सारी रिसर्च पदार्थ पर हो रही है। यह मूल में भूल है। फिर समस्या का समाधान कैसे होगा ? आवश्यक है मानव और मानवीय चेतना का अध्ययन । जिस दिन यह हमारी वृत्ति बनेगी उस दिन अध्यात्म और विज्ञान, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक व्यक्तित्व की युति बनेगी, दोनों का योग बनेगा, दोनों एक बनेंगे। पहला प्रस्थान पूज्य गुरुदेव के ७५ वें वर्ष के संदर्भ में आध्यात्मिक-वैज्ञानिक व्यक्तित्व की परिकल्पना प्रसूत हुई। उस समय इस सन्दर्भ में सोचने-समझने का अवसर मिला। आध्यात्मिक गुफा में मौन बैठा रहेगा और वैज्ञानिक अणुबम बनाता रहेगा तो उस अणुबम की अणुधूलि उस गुफा तक भी पहुंचेगी। इसलिए आज की अपेक्षा है कि हर विद्यार्थी वैज्ञानिक बने किन्तु कोरा वैज्ञानिक न बने, आध्यात्मिकवैज्ञानिक बने । आज हर धर्म संस्थान में जाने वाले व्यक्ति के लिए यह आवश्यक है कि वह केवल आध्यात्मिक न बने। उसका दृष्टिकोण वैज्ञानिक बने। इन दोनों का योग ही वर्तमान की समस्या का समाधान है और यही जीवन विज्ञान का पहला प्रयत्न या पहला प्रस्थान है। १७४ : नया मानव : नया विश्व Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003059
Book TitleNaya Manav Naya Vishwa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1996
Total Pages244
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Spiritual
File Size10 MB
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