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स्वास्थ्य भी उतना ही अच्छा होता है। इन सबका मज्जा के साथ बहुत गहरा संबंध होता है।
स्वास्थ्य : वैज्ञानिक भाषा हम स्वास्थ्य के लिए क्या करें ? कैसे अपने स्वास्थ्य को बनाए रखें ? हमारा शारीरिक स्वास्थ्य ठीक कैसे रहे ? इस पर विचार करते समय सबसे पहले आहार पर विचार किया जाता है। आज की वैज्ञानिक भाषा यह है कि संतुलित आहार स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। संतुलित आहार की तालिकाएं आज बहुत मिलती हैं। जिसमें विटामिन्स, लवण, क्षार, कार्बोहाइड्रेट आदि-आदि हों, वह संतुलित आहार है और वह स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। इसे भी हम पर्याप्त नहीं मान सकते।
मित आहार प्रेक्षाध्यान की उपसंपदा में जो सूत्र बतलाए गए हैं, वे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत आवश्यक हैं । उसका एक सूत्र है-मित आहार । संतुलित आहार के साथ एक और जोड़ दें-मित आहार। हित आहार और ऋत आहार का वाचक बनता है मित आहार। केवल संतुलित आहार से स्वास्थ्य पूरा नहीं होगा, उसके साथ मित आहार भी चाहिए। संतुलित तो है, किन्तु मात्रा इतनी बढ़ा दी कि खाने वाला शाम तक बीमार हो जाता है। अब संतुलित आहार क्या करेगा ? पोषक तत्त्व सब हैं, किन्तु मात्रा अतिरिक्त है। कुछ राष्ट्र के लोग बहुत खाते हैं। आहार तो संतुलित करते हैं पर मात्रा अधिक होती है। परिणाम यह होता है-स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। आहार कोरा प्रियकर ही नहीं, हितकर भी होना चाहिए। खाने में तो बहुत अच्छा लगता है, पर हितकर नहीं है तो वह स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। हित को कई कोणों से समझना होगा। एक कोण है-विरुद्ध भोजन न हो। कुछ पदार्थ ऐसे हैं, जो एक साथ नहीं खाए जाते। तेल भी खाया और दूध भी पी लिया। खरबूजा खाया और दूध भी पी लिया। यह विरुद्ध भोजन है।
शारीरिक स्वास्थ्य : १०५
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