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कोशिकाएं भी जवाब दे देती हैं और वाइटल एनर्जी भी उतनी नहीं रह पाती। सेल्फ मैनेजमेंट का यह सूत्र महत्त्वपूर्ण है-अपने स्वास्थ्य और प्राणशक्ति का सम्यक् नियोजन करें। उद्घाटन नई दिशा का इन सारे सूत्रों पर विचार कर ऐसी जीवन की शैली बनाएं, जो ध्यान के लिए उचित रहे, उपयुक्त बने। व्यवहार के क्षेत्र में भी ध्यान के बहुत लाभ हैं। लेकिन ध्यान सीधा और सस्ता नहीं है। जटिलता हर विकास के साथ रहती है। जो जितना बड़ा और महत्त्वपूर्ण होता है, उसकी प्रक्रिया भी उतनी ही जटिल और महत्त्वपूर्ण होगी। इस सचाई को समझते हुए हम ध्यान का सम्यक् उपयोग करें तो स्व-प्रबन्धन के साथ प्रेक्षाध्यान के व्यवस्थापन की एक श्रेष्ठ विधि हाथ लगेगी। उसके द्वारा बहुत लाभ उठाया जा सकता है, जीवन-निर्माण की नई दिशा का उद्घाटन संभव बन सकता है।
१०२ : नया मानव : नया विश्व
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