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________________ और. आज की भाषा में कहा जा सकता है-चमचा लोग बहुत धोखा देते हैं। जो यथार्थवादी लोग हैं, वे कमजोरी को भी बता देते हैं। व्यक्ति कमजोर पक्ष का विश्लेषण करे। यह पक्ष हमारा कमजोर है, इसलिए हमारा कार्य पूरा नहीं हो रहा है, कार्य में सफलता नहीं मिल रही है। कमजोर पक्ष की ओर ध्यान केन्द्रित करना, यह समय प्रबंधन का महत्त्वपूर्ण सूत्र है। समय प्रबंधन के सूत्र आज इस पर बहुत बल दिया जा रहा है कि समय को अपने धन के समान संभालें। प्राकृत का सूक्त है-खणं जाणाहि-समय को जानो। पूज्य गुरुदेव फा एक बहुत सुन्दर गीत है, उसका ध्रुवपद है . जागे नव संस्कार समय का अंकन हो समय का प्रबंधन जीवन का प्रबंधन है। इस आधार पर टाइम मैनेजमेंट के अनेक सूत्र सुझाए गए हैं .प्राथमिकताएं निश्चित करें। • यथासंभव योग्य व्यक्तियों को कार्य सौंपे। सारा कार्य अपने जिम्मे ही न रखें। •प्रत्येक कार्य को उद्देश्य एवं लाभ की दृष्टि से करें। • एक ही परिश्रम दो जगह न हो, न ही उसकी पुनरावृत्ति करनी पड़े, इसका ध्यान रखें। • दायित्व ओढ़ने का साहस रखें एवं निर्णय करने में तत्परता रखें। •जहां 'ना' कहने की अपेक्षा हो, वहां 'ना' कहना सीखें। • समय का ढांचा निर्धारित कर तदनुसार ही सारा कार्य करें। समय की सीमा का पालन करें। आवश्यकतानुसार पूरा नियंत्रण अपने हाथ में रखें। समय के नियोजन में असफल होने का अर्थ है असफल होने का नियोजन करना। जो समय का सम्यक् नियोजन करना जानता है, सफल जीवन का गर पा लेता है। सम्यक नियोजन सफलता का आधार है। कहा गया-अगर आठ घण्टे पेड़ काटने में लगाना तो छह घण्टे पेड़ काटने वाली कुल्हाड़ी को तेज करने में लगाओ। यह समय नियोजन का विवेक है। समय का प्रबंधन : ६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003059
Book TitleNaya Manav Naya Vishwa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1996
Total Pages244
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Discourse, & Spiritual
File Size10 MB
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