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सारा काम ही भीड़-भाड़ और शोर-शराबे में होता है। एकान्त मिलता कहां है ? यदि एकाग्रता की भूमिका न हो तो कार्य का होना भी संभव नहीं है । इसीलिए यह अपेक्षित है - तनावमुक्ति की जो आध्यात्मिक प्रक्रिया है, उस पर गहरा ध्यान दें, अभ्यास करें, तनाव की भंयकर समस्या से मुक्ति का सूत्र हमारे हाथ में होगा ।
८२ : नया मानव : नया विश्व
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