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प्राण-ऊर्जा का संवर्धन
२१६.
तपस्या बहुत कल्याणकारी बन जाती है। फिर चाहे प्राणायाम हो या कुछ और हो । मैं तो यह भी चाहता हूं कि प्रेक्षाध्यान करने वाले आसन करें तो आसन के साथ भी ध्यान को जोड़ें। साथ में ध्यान करें, कोरा आसन नहीं। ध्यान की सीमाओं से मुक्त होकर विहार करने वाले ये छोटे-छोटे पंछी, वैसी ही कठिनाई में पड़ सकते हैं जैसे पंछी का छोटा बच्चा उड़ नहीं पाता, वह घोंसले से तो बाहर निकल जाता है, पर भटक जाता है ।
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