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एकला चलो रे
मुझे लगता है कि मनोबल को घटाने वाले सारे साधन समाप्त होते हैं । मनोबल को बढ़ाने का, शक्ति के स्रोत को प्रकट करने का एक बड़ा साधन होता है-अशब्द अवस्था। जिस अवस्था में हम अशब्द होते हैं-शब्दातीत होते हैं तो हमारी शक्ति का स्रोत फूट पड़ता है। इस अशब्द अवस्था की आराधना के लिए हम कायोत्सर्ग करें-जीभ का कायोत्सर्ग करें, स्वर-यन्त्र का कायोत्सर्ग करें। इस छोटी-सी प्रक्रिया से बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
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