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अज्ञात द्वीप की खोज अधरी बातें पूरी हो जाती हैं, आकांक्षा ही समाप्त हो जाती है और अधुरापन समाप्त हो जाता है, अपेक्षा समाप्त हो जाती है। हम इस प्रकार की चेतना का विकास करने के लिए और मनोबल को बढ़ाने के लिए ध्यान की विशिष्ट आराधना कर रहे हैं । वह ध्यान जो हमारी चेतना का ही एक प्रकार है, कोई अलग से नहीं। हमारी चेतना की एक ऐसी अवस्था है और वह अवस्था कि जिसके प्राप्त होने पर बहुत-सी काल्पनिक अवस्थाएं जो चेतना के समुद्र में एक तरंग के रूप में आती हैं, अपने आप विलीन होती हैं और हमारी चेतना का समुद्र सहज, शान्त बन जाता है ।
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