SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 177
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भूनेड़ी जोहरड़ अरु, चीणी तिन-तिन मासा। फाकै नित दोन्यू वगत, जावै आंव अकाशां ॥१६॥ लस्सी कच्चे दूध री, तज मासा भर लेवै। 'चम्पा' ! अजमा आंव मै, खून बन्द कर देवै ॥२०॥ तिन-तिन मासा चिणी मै अमचर फाक पी पाणी। हफ्ते भर दिनगै-सिंज्या, विचै सूफ नहिं खाणी ॥२१॥ पइस भर छोटी दुधी, पाव दही में लेवै। तीन दिनां तक रोज तो, आंव नांव नहिं रेवै ॥२२॥ खूनी उलटी-दस्त मै पांच नीम रा पानड़ा, गोल मिरच ल्यो दोय । घासो उलटी दस्त मै, खून बन्ध झट होय ॥२३॥ 'चम्पा' ! कप भर चाय मै, चम्मच भर घी घाल । पायां खूनी दस्त रो, सरल इलाज कमाल ॥२४॥ दांत-दर्द मै दांत सुरक्षित राखणां, तो अंगुली स्यूं खूब । रगड़ मसूड़ा दस मिनट, नित 'चम्पा' ! मत ऊब ।।२५।। दांत दरद ज्यादा कर (तो) हलदी मसलो भाई । दाबो कपूर कांकरी (या) हींग सुसरल दुवाई ॥२६॥ तीन लूंग नीम्बू रै रस मैं, पीस दांत पर मसलो। दर्द मिटै 'चम्पक' हो ज्वावै, झट हल मसलो सगलो ॥२७॥ 'चम्पा' ! दांतां पर मसल रोज तिली रो तेल । मुंह बंदकर, झार्यो छुटै पायरिया स्यूं गेल ॥२८॥ दांत कढ़ायां नहिं हवे, कदाच लोही बन्द । फूओ कडवै तैल रो, दाबो कै आनन्द ॥२६॥ घासो-गोली १४७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003057
Book TitleAasis
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChampalalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1988
Total Pages372
LanguageMaravadi, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy