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रंगों का मन पर प्रभाव
पीला
हल्का गुलाबी
गाढ़ा गुलाबी
बादामी
हरा
नीला
गहरा नीला या
आसमानी
नारंगी रंग
गर्म किन्तु लाल-नारंगी से कभ
गर्म
गर्म
गर्म
न अधिक गर्म, न अधिक ठंडा
ठंडा
ठंडा
शुभ्र (बनफशी)
न गर्म, न ठंडा
इनमें नारंगी लाल रंग के परिवार का रंग है। बैंगनी और जामुनी रंग नील रंग के परिवार के अंग हैं ।
रंगों का शरीर पर प्रभाव
लाल : स्नायुमण्डल को स्फूर्ति देना ।
नीला : स्नायविक दुर्बलता, धातुक्षय, स्वप्नदोष में लाभ पहुंचाना और हृदय तथा मस्तिष्क को शक्ति देना ।
पीला : मस्तिष्क की शक्ति का विकास, कब्ज, यकृत और प्लीहा के रोगों को शांत करने में उपयोगी ।
हरा : ज्ञान-तंतुओं और स्नायुमंडल को बल देना, वीर्य रोग के उपशमन में उपयोगी ।
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गहरा नीला : गर्मी की अधिकता से होने वाले आमाशय सम्बन्धी रोगों के उपशमन में उपयोगी ।
शुभ्र : नींद के लिए उपयोगी ।
नारंगी : दमा तथा वात-व्याधियों के रोगों को मिटाने में उपयोगी । बैंगनी : शरीर के तापमान को कम करने में उपयोगी ।
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इस रंग के अनेक प्रभाव सामने आए हैं
१. शारीरिक शक्तियों को मानसिक गुणों के साथ जोड़ता है । २. यह स्पलीन और पेन्क्रियाज- इन दोनों चक्रों से शक्ति को प्रवाहित करता है ।
३. यह विचार और मानसिक कल्पनाओं का सूचक वर्ण है । ४. यह प्रेम, प्रसन्नता, भावनाओं की सजीवता और योगक्षेम की धावना को बनाए रखता है ।
५. यह एथरिक बॉडी को शक्तिशाली बनाता है ।
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