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चित्त और मन
ध्यान ही नहीं रहा आपको। विवेकानंद ने मुस्कराते हुए कहा-'अभी तो तुम कह रहे थे कि शब्दों का क्या प्रभाव है ? और स्वयं एक 'बेवकूफ' शब्द से इतने प्रभावित हो गए, क्रोध में आ गए।' शब्द के चमत्कार
__शब्द में शक्ति होती है। वे प्रभावित करते हैं । यह स्थूल प्रभाव की बात है । शब्द का बहुत सूक्ष्म प्रभाव होता है, असर होता है। आज शब्द के द्वारा चिकित्सा होती है। शब्दों के द्वारा ऑपरेशन हो रहे हैं। ऑपरेशन में किसी शस्त्र की जरूरत नहीं होती, किसी उपकरण की जरूरत नहीं होती। शब्द की सूक्ष्म तरंगें आ रही हैं और चीर-फाड़ हो रही है। कपड़ों की धुलाई होती है शब्दों के द्वारा, सूक्ष्म ध्वनि के द्वारा । सूक्ष्मतम ध्वनि से हीरे की कटाई होती है । पुराने जमाने में कहा जाता था कि हीरे से हीरा कटता है । यह मान्य सिद्धांत था । आज हीरा शब्द की सूक्ष्म ध्वनि से कटने लगा है। यन्त्र घूमता है । ध्वनि की सूक्ष्म तरंगें निकलती हैं और सूक्ष्म समय में ही हीरा कट जाता है। ये हैं शब्द के चमत्कार । इनसे आगे हैं जप और मंत्र के चमत्कार। मंत्र उच्चारण की प्रक्रिया
शब्द का उच्चारण छह प्रकार से होता है। उसके छह प्रकार हैंह्रस्व, दीर्घ, प्लुत, सूक्ष्म, अतिसूक्ष्म और परम सूक्ष्म । मंत्रविद् आचार्यों ने बताया-शब्द का ह्रस्व उच्चारण पाप का नाश करता है। दीर्घ उच्चारण लक्ष्मी की वृद्धि करता है, स्त्री की प्राप्ति कराता है । प्लुत उच्चारण ज्ञान की वृद्धि करता है। तीन उच्चारण और हैं---सूक्ष्म, अतिसूक्ष्म और परमसूक्ष्म । ये समापित्त करते हैं, ध्येय के साथ व्यक्ति को जोड़ देते हैं, ध्येय के साथ व्यक्ति का योग कर देते है। 'अहं' शब्द को लें। हम इसका उच्चारण करते हैं । इसका एक होता है ह्रस्व उच्चारण, एक होता है दीर्घ उच्चारण और एक होता है प्लुत उच्चारण । फिर सूक्ष्म, अतिसूक्ष्म और परमसूक्ष्म । परमसूक्ष्म में आकर हमें लगता है कि हम पहुंच गए, अर्हत् का अनुभव करने लग गए। इन छहों प्रकार के उच्चारणों के भिन्न-भिन्न प्रभाव होते हैं। निदर्शन
___ हमें शब्द की शक्ति को पहचानना है, शब्द के अर्थ को समझना है और उच्चारण को भी समझना है । आदमी को उन शब्दों का चुनाव करना चाहिए, जिनसे बुरे विकल्प रुक जाएं। जो शब्द जीवन-यात्रा को विकासशील और कल्याणमय बनाए, उसे विघ्नों से बचाए, वैसे शब्दों का चुनाव आवश्यक है। ऐसे शब्द चुने जाएं, जिनसे जीवन की दुर्गन्ध मिटे, सुरभि फैले, बुरे स्वप्न बन्द हों, अच्छे स्वप्नों का सिलसिला चालू हो जाए। वे ही शब्द
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