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ध्वनि का मन पर प्रभाव
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प्रसन्नचन्द्र राजर्षि की घटना बहुत प्रसिद्ध है। वे राज्य को छोड़ ऋषि बन गए । एक वृक्ष के नीचे ध्यानस्थ खड़े थे । पवित्र भाव और पवित्र लक्ष्य | भगवान महावीर उस समय राजगृह में समवसृत थे । राजा श्रेणिक उन्हें वन्दना करने जा रहा था। साथ में परिजन थे । राजा राजर्षि की ध्यान मुद्रा से बहुत प्रभावित हुआ । उनके चेहरे से तेज टपक रहा था । वह भगवान महावीर के समवसरण में पहुंचा। प्रवचन सुना । भगवान से पूछा - भन्ते ! यदि राजर्षि की इस अवस्था में मृत्यु हो तो वे कहां जाएंगे ? भगवान् ने पहले नरक, दूसरे नरक के बात कहते-कहते सातवें नरक तक की बात कही । श्रेणिक असमंजस में पड़ गया। कुछ समय बीता, फिर उसने जिज्ञासा की । भगवान ने एक-एक स्वर्ग की बात कहते-कहते बताया - राजर्षि केवली हो गए हैं। श्रेणिक की गुत्थी उलझ गई। महावीर ने उसको सुलझाते हुए कहा— राजन् ! तेरे साथ आने वाले कुछ लोगों ने राजर्षि को देखकर कहा- छोटे से बच्चे के कन्धे पर राज्य का भार डालकर यह साधु बन गया । अब पीछे से शत्रुओं ने राज्य पर आक्रमण कर दिया है । वह बेचारा लड़का कैसे संभाल पाएगा इस राज्य को ? ये शब्द राजर्षि के कानों से टकराए, वे ध्यान- च्युत हो गए । भावधारा मुड़ी और वे उसी अवस्था युद्धस्थल पर पहुंच गये और मन ही मन शत्रुओं से लड़ने लग गए। उस समय उनकी मृत्यु होती तो वे नरक में ही जाते । पर कुछ ही क्षणों के पश्चात् पीछे से आने वाले कुछ व्यक्तियों ने राजर्षि की ध्यान मुद्रा की प्रशंसा की, उसे विरल बताया । राजर्षि ने सुना, भावधारा मुड़ी और वे पुनः अपने आप में अवस्थित हो गये । उन्होंने आत्मालोचन किया। इतना आत्मालोचन किया कि कैवल्य तक पहुंच गये ।
प्रश्न है चुनाव का
एक शब्द ने राजर्षि को नरक तक पहुंचा दिया । एक शब्द ने उनकों कैवल्य तक पहुंचा दिया । यह यथार्थ घटना है । शब्द के प्रभाव के विषय में किसी को कोई शंका नहीं रहती । प्रश्न है कि कैसे शब्दों का चुनाव किया जाए ? जीवन में उनका कैसे और कितना उपयोग किया जाए ?
हमारे जीवन पर शब्द का असर होता है । मन पर शब्द का असर होता है । शब्द के स्थूल प्रभाव से हम सब परिचित हैं । स्वामी विवेकानंद से एक व्यक्ति ने कहा - शब्द निरर्थक हैं । उनका प्रभाव या अप्रभाव कुछ भी नहीं होता । वे निर्जीव हैं । विवेकानंद 1 सुना । कुछ देर मौन रहने के बाद बोले- 'बेवकूफ हो तुम। बैठ जाओ ।' इतना कहते ही, वह व्यक्ति आग बबूला हो गया । उसकी आकृति बदल गई । आंखें लाल हो गई। उसने कहा- आप इतने बड़े संत हैं । मुझे गाली दे दी । शब्दों का
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