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चित्त और मन
सर्वथा निर्विकल्प और निर्विचार अवस्था में चला जाता है, तब अमन की स्थिति प्राप्त होती है। उस स्थिति में मन नहीं होता, क्योंकि उसके तीनों घटकों-स्मृति, कल्पना और विचार का वहां अस्तित्व नहीं है ।
मन के स्वरूप की यह संक्षिप्त चर्चा है।
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